Teri puja archan, karta rahunga,
Tu hi sacha Ish hai mera, kehta rahunga.
Tan hai ye nashwar, kab tak tikega
Dikhe hai jo apna wo, sath na dega,
Tere gyan me dubki, lagata rahunga,
Tujhi me mai priti, badhata rahunga.
Parvah nahi hai, ye duniya kya kehti,
Teri yaad me ye ankhiyan, gili hai rehti,
Tera daas hun mai, tera hi rahunga,
Har mushkil ko mai, has ke sahunga.
Karuna se teri, maine satya hai jana,
Chahat na duji, ab to tumhi ko hai pana,
Mai gun-gaan tere hi, gata rahunga,
Tumko mai dil me, basata rahunga.
Khali hath aae the, khali hath jana,
Bhogo me fas kar kyu, jeevan bitana,
Fasta raha mai lekin, ab na fasunga,
Apke hi kehna me, ab mai chalunga.
Tum jo kahoge, wahi mai karunga,
Apki hi bhakti karta rahunga....

जहाँ ले चलोगे, वहीँ मै चलूँगा,
तेरे पीछे - पीछे गुरुवर, चलता रहूँगा,
तेरी पूजा अर्चन, करता रहूँगा,
तू ही सच्चा ईश है मेरा, कहता रहूँगा
तन है ये नश्वर, कब तक टिकेगा
दिखे है जो अपना वो, साथ ना देगा,
तेरे ज्ञान में डुबकी, लगाता रहूँगा,
तुझ ही में मैं प्रीति, बढ़ाता रहूँगा
परवाह नहीं है, ये दुनिया क्या कहती,
तेरी याद में ये अखियाँ, गीली है रहती,
तेरा दास हूँ मैं, तेरा ही रहूँगा,
हर मुश्किल को मैं , हँस के सहूँगा
करुणा से तेरी, मैंने सत्य है जाना,
चाहत ना दूजी, अब तो तुम्ही को है पाना,
मैं गुणगान तेरे ही, गाता रहूँगा,
तुमको मैं दिल में , बसाता रहूँगा
खाली हाथ आए थे, खाली हाथ जाना,
भोगों में फँस कर क्यूँ, जीवन बिताना,
फँसता रहा मैं लेकिन, अब ना फँसुंगा,
आपके ही कहने में, अब मैं चलूँगा
तुम जो कहोगे, वही मैं करूँगा,
आपकी ही भक्ति करता रहूँगा....
तेरे पीछे - पीछे गुरुवर, चलता रहूँगा,
तेरी पूजा अर्चन, करता रहूँगा,
तू ही सच्चा ईश है मेरा, कहता रहूँगा
तन है ये नश्वर, कब तक टिकेगा
दिखे है जो अपना वो, साथ ना देगा,
तेरे ज्ञान में डुबकी, लगाता रहूँगा,
तुझ ही में मैं प्रीति, बढ़ाता रहूँगा
परवाह नहीं है, ये दुनिया क्या कहती,
तेरी याद में ये अखियाँ, गीली है रहती,
तेरा दास हूँ मैं, तेरा ही रहूँगा,
हर मुश्किल को मैं , हँस के सहूँगा
करुणा से तेरी, मैंने सत्य है जाना,
चाहत ना दूजी, अब तो तुम्ही को है पाना,
मैं गुणगान तेरे ही, गाता रहूँगा,
तुमको मैं दिल में , बसाता रहूँगा
खाली हाथ आए थे, खाली हाथ जाना,
भोगों में फँस कर क्यूँ, जीवन बिताना,
फँसता रहा मैं लेकिन, अब ना फँसुंगा,
आपके ही कहने में, अब मैं चलूँगा
तुम जो कहोगे, वही मैं करूँगा,
आपकी ही भक्ति करता रहूँगा....

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